Europe Electric Vehicle Market 2025 में यूरोप की सड़कों पर अब बदलाव साफ नजर आ रहा है। जहां कुछ साल पहले तक पेट्रोल और डीजल गाड़ियां छाई रहती थीं, वहीं अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां तेजी से अपनी जगह बना रही हैं। अगस्त 2025 इस सफर का एक ऐतिहासिक महीना साबित हुआ, क्योंकि पहली बार बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी बीईवी ने यूरोप के नए कार बाजार में 20 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी हासिल की। यह आंकड़ा सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि यूरोप में हो रहे बड़े बदलाव की कहानी है।
यूरोपीय बाजार में तेजी से बढ़ती इलेक्ट्रिक लहर
अगस्त 2025 में यूरोप में बीईवी की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 27 प्रतिशत की बढ़त हुई। इन गाड़ियों की बाजार हिस्सेदारी 20 दशमलव 2 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ऊंची है। वहीं प्लग इन हाइब्रिड गाड़ियों की बिक्री में भी जोरदार उछाल देखा गया और इनका हिस्सा 10 दशमलव 6 प्रतिशत तक पहुंच गया। इस समय यूरोप में हर तीन में से एक नई कार किसी न किसी रूप में इलेक्ट्रिफाइड तकनीक के साथ बेची जा रही है।
इस साल जनवरी से अगस्त के अंत तक यूरोप में लगभग 15 लाख 40 हजार बीईवी रजिस्टर हो चुके हैं। अगस्त में ही करीब 7 लाख 90 हजार नई कारें बिकीं, जो पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि बिक्री अब भी 2023 के स्तर से थोड़ी कम है। इसका कारण उत्पादन में कमी, आर्थिक दबाव और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताएं मानी जा रही हैं।
पारंपरिक यूरोपीय ब्रांडों की मजबूत पकड़
अगर ब्रांडों की बात करें तो वोल्क्सवैगन यूरोप में सबसे आगे है। अगस्त 2025 में कंपनी ने दो लाख सत्रह हजार से ज्यादा गाड़ियां बेचीं और इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्षेत्र में भी अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी। टेस्ला दूसरे स्थान पर रही, लेकिन उसकी बिक्री की रफ्तार बीईवी बाजार की औसत से थोड़ी धीमी रही जिससे उसका हिस्सा थोड़ा घट गया।
बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज ने इस दौरान शानदार प्रदर्शन किया। बीएमडब्ल्यू की आई4 और आईएक्स को अच्छी मांग मिली, जबकि मर्सिडीज ने ईक्यूई और ईक्यूए मॉडल की मदद से ग्राहकों को आकर्षित किया। ह्यूंदै किआ ने भी तेजी दिखाई और उसके इलेक्ट्रिक मॉडल आयोनिक 5, आयोनिक 6 और ईवी6 को लोगों ने खूब पसंद किया।
यूरोप में चीनी कंपनियों का तेज उदय
अगस्त 2025 में सबसे बड़ा चौंकाने वाला बदलाव चीनी ब्रांडों की तेज प्रगति रही। यूरोप में चीनी कंपनियों की बिक्री में 121 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। एक ही महीने में इन ब्रांडों ने 43 हजार 500 से ज्यादा गाड़ियां बेच दीं, जो कई यूरोपीय दिग्गज कंपनियों से ज्यादा है। एमजी, बीवाईडी, जैकू, ओमोड़ा और लीपमोटर जैसे ब्रांडों ने मिलकर चीनी बाजार की कुल बिक्री का 84 प्रतिशत हिस्सा अपने नाम किया।
एमजी ने अगस्त में टेस्ला और फिएट से ज्यादा गाड़ियां बेचीं। बीवाईडी ने सुजुकी और जीप को पीछे छोड़ दिया। जैकू और ओमोड़ा ने भी अल्फा रोमियो और मित्सुबिशी जैसे पुराने यूरोपीय नामों को बिक्री में मात दी। सिर्फ बीईवी ही नहीं बल्कि चीनी कंपनियां पीएचईवी सेगमेंट में भी तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले साल जहां इनकी बिक्री बेहद कम थी, वहीं अगस्त 2025 में यह आंकड़ा 11 हजार से ज्यादा यूनिट तक पहुंच गया।
चीनी ब्रांडों की इस सफलता के पीछे कई कारण हैं। ये कंपनियां बड़े पैमाने पर उत्पादन के जरिए कीमतों में भारी प्रतिस्पर्धा पेश कर रही हैं। उनकी गाड़ियां लंबी रेंज, आधुनिक फीचर्स और बेहतरीन वारंटी के साथ आती हैं। वे यूरोपीय मानकों के अनुसार तेजी से लोकलाइजेशन कर रही हैं और बीईवी तथा पीएचईवी दोनों बाजारों में समान रूप से विस्तार कर रही हैं। हालांकि उन्हें टैरिफ, ब्रांड की छवि, चार्जिंग नेटवर्क और आफ्टर सेल्स सर्विस जैसे क्षेत्रों में अभी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
Europe Electric Vehicle Market 2025 में टॉप सेलिंग मॉडल में बढ़ती टक्कर
अगस्त 2025 में टेस्ला मॉडल वाई यूरोप में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार बनी रही। हालांकि इसकी वृद्धि दर बाजार की औसत से धीमी थी, लेकिन इसकी लोकप्रियता बरकरार है। वोल्क्सवैगन आईडी 4 और स्कोडा एनयाक ने भी बिक्री में शानदार प्रदर्शन किया और शीर्ष तीन में अपनी जगह बनाई। बीएमडब्ल्यू आई4 और मर्सिडीज ईक्यूई जैसे मॉडल भी तेजी से आगे बढ़े हैं।
चीनी ब्रांड एमजी ने भी पहली बार अपने एक मॉडल को यूरोप के टॉप 10 में जगह दिलाई, जो इस बात का संकेत है कि उनकी पकड़ अब केवल शुरुआती स्तर पर नहीं, बल्कि मुख्यधारा में भी बन रही है।
यूरोप के टॉप 25 में चीनी उपस्थिति का असर
अगस्त 2025 तक यूरोप के टॉप 25 ब्रांडों में छह चीनी नियंत्रण वाले ब्रांड शामिल हो चुके हैं। इनमें बीवाईडी, एमजी, लीपमोटर, एक्सपेंग, वोल्वो और पोलस्टार के नाम शामिल हैं। बीवाईडी अब यूरोप में नौवें स्थान पर पहुंच गया है और एमजी ने कई पुराने यूरोपीय खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया है।
हालांकि टॉप 25 इलेक्ट्रिक मॉडलों की सूची में अभी तक कोई चीनी मॉडल शामिल नहीं हो पाया है। यूरोप की सड़कों पर अभी भी टेस्ला मॉडल वाई, वोल्क्सवैगन आईडी 4 और स्कोडा एनयाक जैसे मॉडल सबसे ज्यादा नजर आते हैं। लेकिन अगर चीनी ब्रांडों की मौजूदा वृद्धि दर जारी रहती है तो 2027 तक यह तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है।
यूरोप में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बाजार अब तेजी से परिपक्व होता जा रहा है। पारंपरिक कंपनियां जैसे वोल्क्सवैगन और टेस्ला अपनी स्थिति बनाए हुए हैं, जबकि बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज और ह्यूंदै किआ ने मजबूत पकड़ बना ली है। दूसरी ओर चीनी कंपनियां तेज़ी से अपने पैर पसार रही हैं और आने वाले वर्षों में वे यूरोप के बाजार को नई दिशा दे सकती हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न बाजार रिपोर्टों और रुझानों पर आधारित है। वास्तविक आंकड़े समय के साथ बदल सकते हैं। इस लेख का उद्देश्य केवल सूचनात्मक है और इसे किसी निवेश या व्यावसायिक सलाह के रूप में न लें।